मेथी की मठरी रेसिपी: बचपन की यादें ताजा करने वाली रेसिपी
(methi ki mathri recipe in hindi) क्या आपको वो दिन याद हैं जब बारिश की बूंदों के साथ घर में गर्मागर्म मठरी और चाय का मज़ा लिया जाता था? उस समय की मेथी मठरी का स्वाद आज भी जुबान पर ताजा है। यही नहीं, त्योहारों पर बनने वाली यह पारंपरिक मठरी हमारे परिवार की खुशियों का हिस्सा रही है। गेहूं के आटे और ताजी मेथी से बनी यह मठरी न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।
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मेथी मठरी क्यों है खास?
राजस्थानी व्यंजनों की यह खासियत है कि ये लंबे समय तक ताजा रहते हैं। मेथी मठरी भी इन्हीं में से एक है। इसका हल्का मीठा और नमकीन स्वाद इसे खास बनाता है। यह डीप फ्राइड स्नैक होने के बावजूद, ताजगी और कुरकुरेपन का सही संतुलन है। इसे आप सफर में, चाय के साथ, या त्योहारों पर मेहमानों को परोस सकते हैं।
पारंपरिक स्वाद को आधुनिक ट्विस्ट
हालांकि पारंपरिक रूप से मठरी मैदे से बनाई जाती थी, लेकिन हमने इसे और भी हेल्दी बनाने के लिए गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया है। साथ ही, ताजी मेथी के पत्तों की खुशबू इसे एक नया मोड़ देती है। अगर आप ज्यादा पौष्टिक बनाना चाहते हैं, तो इसमें ओट्स का आटा या बाजरे का आटा भी मिला सकते हैं।
मेथी मठरी बनाने का सही तरीका
मेथी मठरी बनाते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले, आटे को गूंथते समय उसमें थोड़ा सा घी या तेल मिलाएं ताकि यह परतदार बने। इसे बेलते समय मोटाई का खास ध्यान रखें – न ज्यादा मोटा और न ज्यादा पतला। मठरी को धीमी आंच पर तलें ताकि यह अंदर तक अच्छे से पक सके और कुरकुरी बने।
दाल-चावल के साथ मठरी का स्वाद
क्या आप जानते हैं कि मठरी को सिर्फ स्नैक के रूप में ही नहीं, बल्कि दाल-चावल के साथ पापड़ की तरह साइड डिश के रूप में भी परोसा जा सकता है? राजस्थानी घरों में यह एक आम प्रथा है। इसका हल्का मसालेदार स्वाद दाल-चावल को और भी लजीज बना देता है।
बच्चों का मनपसंद नाश्ता
बच्चों को कुछ ऐसा चाहिए जो स्वादिष्ट और कुरकुरा हो। मेथी मठरी उनके टिफिन के लिए एक परफेक्ट ऑप्शन है। यह न केवल उन्हें पसंद आएगी, बल्कि इसमें मौजूद मेथी उनके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। आप इसे एयरटाइट डिब्बे में रखकर लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं।
त्योहारों की शान: मेथी मठरी
त्योहारों के दौरान घर में बनने वाली मिठाइयों और नमकीन में मठरी का एक अलग ही स्थान होता है। मेथी मठरी बनाना जितना आसान है, इसे स्टोर करना भी उतना ही सुविधाजनक है। इसे आप होली, दिवाली या किसी खास मौके पर बनाकर महीनों तक ताजा रख सकते हैं।
मठरी के साथ मेरे अन्य फेवरेट स्नैक्स
अगर आपको मेथी मठरी पसंद है, तो आपको अन्य राजस्थानी स्नैक्स जैसे आलू ढोकला, नारियल की चटनी और मक्की की रोटी कैसे बनाएं भी जरूर ट्राई करनी चाहिए। ये सभी स्नैक्स न सिर्फ स्वादिष्ट हैं, बल्कि आपके चाय के समय को और भी खास बना देते हैं।
मेथी की मठरी रेसिपी. गेहूं के आटे की मठरी कैसे बनाएं
तैयारी का समय: 10 मिनट
पकाने का समय: 25 मिनट
कुल समय: 35 मिनट
परोसने के लिए: 20 टुकड़े
मठरी: एक क्लासिक राजस्थानी स्नैक का स्वाद
शाम की चाय के साथ खस्ता और परतदार मठरी का आनंद लेने का मज़ा ही अलग है। यह सिर्फ एक नाश्ता नहीं है, बल्कि हर घर की यादों से जुड़ी हुई एक डिश है। चाहे त्योहार का मौका हो, मेहमानों का आना हो, या बस यूं ही हल्की भूख को शांत करना हो – मठरी हर बार दिल जीतने में सफल होती है। खासतौर पर मेथी मठरी, जो न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि इसमें कसूरी मेथी का सुगंधित तड़का इसे और भी खास बना देता है। आइए जानते हैं कि कैसे आप इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं।
मेथी मठरी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
- 2 कप गेहूं का आटा
- 2 टेबलस्पून रवा (सूजी)
- 2 टेबलस्पून कसूरी मेथी, कुचला हुआ
- 1 टीस्पून काली मिर्च, दरदरा पिसा
- ¼ टीस्पून अजवायन
- 1 टीस्पून जीरा
- ½ टीस्पून नमक (स्वाद अनुसार)
- 2 टेबलस्पून घी
- पानी (गूंधने के लिए)
- तेल (तलने के लिए)
मठरी बनाने की विधि
1. बेस तैयार करना:
सबसे पहले एक बड़े कटोरे में गेहूं का आटा और सूजी डालें। इसके बाद कसूरी मेथी, काली मिर्च, अजवायन, जीरा और नमक डालें। अब इसमें घी मिलाकर दोनों हाथों से अच्छे से मिक्स करें, जब तक मिश्रण ब्रेड क्रम्ब्स जैसा न हो जाए।
2. आटा गूंधना:
अब धीरे-धीरे पानी डालते हुए एक सख्त और चिकना आटा गूंध लें। ध्यान रखें कि आटा बहुत नरम या बहुत सख्त न हो। इसे गीले कपड़े से ढककर 10 मिनट तक सेट होने दें।
3. मठरी को आकार देना:
अब गूंथे हुए आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और इन्हें हल्के हाथों से गोल और चपटा कर लें। चाकू या कांटे की मदद से मठरी पर हल्के-हल्के छेद करें ताकि तलते समय ये फूलें नहीं।
4. डीप फ्राई करना:
मध्यम आंच पर कढ़ाई में तेल गर्म करें। जब तेल गरम हो जाए, तो इसमें मठरी डालें और धीमी आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें। ध्यान दें कि धीमी आंच पर तलने से मठरी पूरी तरह से पकती है और इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
5. अतिरिक्त तेल हटाना:
तली हुई मठरी को बाहर निकालकर टिशू पेपर पर रखें, ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए। अब इन्हें ठंडा होने दें और फिर एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।

मठरी बनाने के टिप्स
- आटे की गुणवत्ता पर ध्यान दें: मठरी को और भी खस्ता बनाने के लिए आप इसमें गेहूं के आटे के साथ थोड़ा मैदा मिला सकते हैं।
- तलने का तापमान सही रखें: धीमी आंच पर तलें, क्योंकि तेज आंच पर मठरी ऊपर से जल सकती है और अंदर से कच्ची रह सकती है।
- मसालों में बदलाव: आप अपने स्वाद के अनुसार मसालों को एडजस्ट कर सकते हैं। चाहें तो कसूरी मेथी की जगह ताजा मेथी के पत्ते भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बेकिंग का विकल्प: अगर आप कम तेल खाना पसंद करते हैं, तो इन्हें ओवन में 180 डिग्री सेल्सियस पर 20-25 मिनट तक बेक कर सकते हैं।
मठरी का स्वाद बढ़ाने के तरीके
मठरी को अकेले खाने में जितना मज़ा आता है, उतना ही यह किसी साइड डिश के रूप में खाने में भी शानदार लगती है। आप इसे दाल-चावल या खिचड़ी के साथ परोस सकते हैं। इसके अलावा इसे घर की बनी हरी चटनी या मीठी इमली की चटनी के साथ ट्राई करें।
मठरी से जुड़ी कुछ यादें और अनुभव
जब भी सर्दियों के दिन आते हैं, मठरी की महक पूरे घर को घेर लेती है। रसोई में गर्म तेल की खुशबू और मठरी तलने की खटपट की आवाज हर किसी को खाने की मेज पर खींच लाती है। यह सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि हमारे परिवार की परंपराओं और खुशियों का हिस्सा है।
